" सर्दी "
" सर्दी "
सर्दी का एक अलग ही मजा है,
कंपकंपाती ठंड में
एक गर्म प्याली चाय
जो आनंद देती है..
उसका कहना ही क्या ?
भारत में सर्दी
दिसंबर से फरवरी तक
पड़ती है,
ऊनी कपड़ों की बहार होती है,
वातावरण में बर्फ की फुहार होती है।
सर्दी में घुमने में बहुत ही मजा
आता है ,
खाने के अनेक पकवान बनते हैं,
ताजे फल और सब्जी की भरमार
होती है,
सर्दी में हम मनभर खा सकते हैं ।
एक से एक सुन्दर कपड़े पहनकर
बच्चे, बूढ़े और जवान
जब निकलते हैं तो ,
उनका व्यक्तित्व निखर कर आता है।
सर्दी में सूखे मेवे खाएं जातें हैं
जिससे शरीर में ताकत बनी
रहती है,
शरीर स्वस्थ रहता है,
और जीवन मस्त रहता है।
ठंडे प्रदेशों में लोग मिलकर
पिकनिक मनाने जाते हैं,
जिसमें खेल - कूद और स्वादिष्ट
भोजन का आनंद उठाते है,
समय का अच्छा सदुपयोग होता है।
सर्दी में थोड़ा आलस तो आता है,
पर, जो आलस छोड़ अपनी
दिनचर्या पूरी तरह निभाता है,
उसका रास्ता सफलता की ओर
जाता है,
उसके जीवन में तरक्की निश्चित है।
सरस्वती पूजा सर्दी में होती है,
जिसे बड़े धूमधाम से
विद्यालयों में मनाया जाता है,
छोटे बच्चे भी धोती - कुर्ता , साड़ी
पहन सज-धज कर सरस्वती की
उपासना कर उत्सव मनाते हैं।
और बहुत खुश भी रहते हैं सर्दी में
क्योंकि उनका प्यारा त्यौहार
क्रिसमस जो आता है सर्दी में ही,
उन्हें मनपंसद उपहार मिलता है।
घर , मोहल्ला, विद्यालय और
माॅल सभी जगह क्रिसमस का
उत्सव मनाया जाता है।
विद्यालयों में दिसंबर में आठ दिन
की छुट्टी रहती है,
जिससे बच्चों को दुगुनी खुशी
मिलती है।
और अभिभावकों को भी घूमने का
तथा पूरे परिवार के साथ समय
बिताने की अवसर मिल जाता है।
तो सर्दी का मज़ा उठाओ
स्वस्थ रहो,
मस्त रहो ,
और पूरे संसार में
खुशियाॅं बाॅंटो .......
