विज्ञान कथा
विज्ञान कथा
हिन्दू धर्म पूर्णतः वैज्ञानिक धर्म है,
विज्ञान का जन्म वेद से ही हुआ है,
विज्ञान कथा समाज के लिए
महत्वपूर्ण है,
यह रचनात्मकता और पूछताछ के
लिए उत्प्रेरक है,
यह मानवता के लिए एक चेतावनी और मार्गदर्शक है ,
अतीत ,वर्तमान और भविष्य के बीच एक पुल है ,
यह हमारा प्रतिबिम्ब है।
20वीं शताब्दी में विज्ञान कथा विकास हुआ,
दैनिक जीवन में विज्ञान और आविष्कार के गहन एकीकरण
ने साहित्य में अधिक रुचि को
प्रोत्साहन किया।
विज्ञान कथा दरअसल साहित्य की एक विधा है,
जिसमें विज्ञान कथाकार विज्ञान और
प्रौद्योगिकी के
मानव समाज व भविष्य पर परावर्तित
होने वाले संभावित प्रभाव की तस्वीर
उकेरता है।
गैलीलियो को आधुनिक विज्ञान का
जनक माना जाता है,
माॅं सरस्वती को विज्ञान की माता के रूप में पूजा जाता है।
विज्ञान कथा कुछ ऐसी है ,
कि उसके पास हर चीज का
प्रमाण रहता है और
उसका निदान भी रहता है।
विज्ञान के फार्मुला को ही लीजिए,
फार्मुला पर बैठा कर हर हिसाब
का समाधान हो जाता है,
वैसे ही जितने भी गैस है , फार्मुला
पर बैठा कर उसे बनाया जाता है।
भविष्य के सेटिंग में नवाचारों के परिणामों की खोज करना
विज्ञान कथा का पारम्परिक उद्देश्य है।
