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Padma Verma

Inspirational

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Padma Verma

Inspirational

" विषाद"

" विषाद"

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  विषाद हर किसी के जीवन में रहता है,

  विषाद के बाद ही कुछ अच्छा होने पर 

  सुख की अनुभूति होती है,

  विषाद जीवन का एक पहलू है,

  जिसमें दुख की अनुभूति होती है।


  विषाद में मन बोझिल और आंखों से 

  अश्रु निकलते हैं,

  विषाद में किसी भी कार्य में मन नहीं 

  लगता है, 

  हर किसी को शक की निगाह से देखते हैं,

  खाने - पीने की इच्छा खत्म हो जाती है।


 विषाद के दिनों में जो मदद करता है वही सच्चा मित्र   

 होता  है,

 कोई अपने के धोखा देने से भी विषाद पैदा होता है,

 यानी दिल में गहरी चोट पहुंचती है तो विषाद होता है।


  विषाद के दिनों में ही अपने और अपनेपन की पहचान  

  होती है,

  समाज में विषाद का वातावरण नहीं फैलाना चाहिए,

  उससे देश में खुशहाली नहीं रहेगी और देश की तरक्की

  रुक जाएगी। 


  अच्छा नागरिक विषाद के दिनों में भी देश की भलाई  

  सोचता है,

  और समाज को विषाद से निकालने का प्रयास करते हैं,

  समाज में प्रेम और समानता का भाव फैलाते हुए ,

  देश को उन्नति के शिखर पर ले जाते हैं।


       


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