तू अकेला ही आया था अकेले जीना सीख तू अकेला ही आया था अकेले जीना सीख
कितना सुंदर पर्यावरण होता सपना काश हक़ीक़त होता कितना सुंदर पर्यावरण होता सपना काश हक़ीक़त होता
ना चाहते हुए भी मन फिर उदास है चारो ओर विषाद है। ना चाहते हुए भी मन फिर उदास है चारो ओर विषाद है।
सुर्ख नयन, विषाद संकुलित, हिय घट, छलित. सुर्ख नयन, विषाद संकुलित, हिय घट, छलित.
फिर आई होली लेकर रंग गुलाल मन से मिटा देने द्वेष और विषाद । फिर आई होली लेकर रंग गुलाल मन से मिटा देने द्वेष और विषाद ।
जहाँ जोर ना चले तलवार का मोल ना हो व्यवहार का। जहाँ जोर ना चले तलवार का मोल ना हो व्यवहार का।