ख़ुद का साथी...
ख़ुद का साथी...
मत मांग किसी से साथ रहने की भीख
तू अकेला ही आया था अकेले जीना सीख...
अकेलापन दिखाएगा तो, ये समाज तुझे
चील कौओं सा नोच नोच के खायेगा......
सब्र रख खुद को पहचान, खुद से दोस्ती कर,
इस समाज से क्या खुद के विषाद से भी
तू लड़ जाएगा....
जरूरत नहीं है तुझे किसी और की
खुद को खुद से अच्छा साथी
तुझे कहाँ मिल पायेगा......
