फिर आई होली.....
फिर आई होली.....
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फिर आई होली
लेकर रंग गुलाल
मन से मिटा देने
द्वेष और विषाद ।
जल जायेगी होली में
कमियाँ सब हमारी
अच्छाई फिर से होगी
बुराइयों पर भारी ।
नवोदित सूर्य रश्मियाँ
लायेगी शुभ भोर
पुष्पों की सुवास भी
फैलेंगी फिर चहुँओर ।
स्नेह और सौहार्द की
फिर फैलेगी फुहार
हर्ष और उल्लास भी
करेंगे अपना शोर ।
फिर आई होली
लेकर रंग गुलाल
मन से मिटा देने
द्वेष और विषाद।
