तुम मुझे प्रेम करो और करे उतना ही प्रेम मुझे तुम्हारी संतति भी तुम मुझे प्रेम करो और करे उतना ही प्रेम मुझे तुम्हारी संतति भी
फिर किस लिए, तनहा भटकता हूं। फिर किस लिए, तनहा भटकता हूं।
सुर्ख नयन, विषाद संकुलित, हिय घट, छलित. सुर्ख नयन, विषाद संकुलित, हिय घट, छलित.
टूटते हैं दुर्योधन और शकुनि के छल बल के चक्रव्यूह। टूटते हैं दुर्योधन और शकुनि के छल बल के चक्रव्यूह।
उठता हूँ लड़ता हूँ समंदर के लहरों सा उठता हूँ लड़ता हूँ समंदर के लहरों सा
कोई जिंदगी से प्रेरणा लेते हैं तो कोई जिंदगी को ही छोड़ देते हैं कोई जिंदगी से प्रेरणा लेते हैं तो कोई जिंदगी को ही छोड़ देते हैं