किनारे पर सागर के कुछ देर टहल आता है किनारे पर सागर के कुछ देर टहल आता है
मैं बारिश देख नाचनेवाला मोर मैं बारिश देख नाचनेवाला मोर
कभी शरारत से भरकर पूरा मुझे वह भिगा जाता कभी शरारत से भरकर पूरा मुझे वह भिगा जाता
ए लहरों सी बहती ज़िंदगी,तुझे किसकी तलाश है ए लहरों सी बहती ज़िंदगी,तुझे किसकी तलाश है
इन प्यार के साये में थोड़ा सा पल जा इन प्यार की लहरों में, थोड़ा सा बह जा, कहीं तिन इन प्यार के साये में थोड़ा सा पल जा इन प्यार की लहरों में, थोड़ा सा बह जा...
बनी है सबकी अपनी अपनी सीमाएं, धारणाएँ बनीं, बनी है सबकी अपनी अपनी सीमाएं, धारणाएँ बनीं,