आप की राह में अब तलक वहीं बैठा हूँ बस अपना दीदार दे के आप चले जाइए। आप की राह में अब तलक वहीं बैठा हूँ बस अपना दीदार दे के आप चले जाइए।
भूल जाये शिकार भी ख़ुद को यूँ शिकारी मचान से निकले भूल जाये शिकार भी ख़ुद को यूँ शिकारी मचान से निकले
जवां हसरतें गर हुई जो नुमायां! नज़ारे भी सारे सुहाने लगेंगे!! जवां हसरतें गर हुई जो नुमायां! नज़ारे भी सारे सुहाने लगेंगे!!
कुछ सवाल हैं मेरे कुछ सवाल हैं मेरे
हर वक्त देती रही खुदको सजा डूबती रही गहरे समुंदर में सीरत को ना पहचान सकी धोखा ही धोखा ... हर वक्त देती रही खुदको सजा डूबती रही गहरे समुंदर में सीरत को ना पहचान स...
प्रताप नामक एक राजा अपने गुरू को सत्कार करने के समय एक रेश्मी धोती दान मे दिया। गुरू बह प्रताप नामक एक राजा अपने गुरू को सत्कार करने के समय एक रेश्मी धोती दान मे दिया। ...