ख़्वाब
ख़्वाब
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मेरे(मिरे) ख़्वाब भी मुस्कुराने लगेंगे!
तराने ख़ुशी के सुनाने लगेंगे!!
जवां हसरतें गर हुई जो नुमायां!
नज़ारे भी सारे सुहाने लगेंगे!!
हमें जो दिया है गमे-ज़िंदगी ने!
उसे भूलने में ज़माने लगेंगे!!
अगर हो गये सब मुकम्मल जहाँ में!
ख़ुदा को भी छोटा बताने लगेंगे!!
सदा आज में गर जियोगे मुसाफ़िर!
सितारे भी ख़ुशियाँ लुटाने लगेंगे!!