कैसे करे हम तुम पे ऐतबार, यूं बेवजह किसी को सताता है कोई. कैसे करे हम तुम पे ऐतबार, यूं बेवजह किसी को सताता है कोई.
हर वक्त देती रही खुदको सजा डूबती रही गहरे समुंदर में सीरत को ना पहचान सकी धोखा ही धोखा ... हर वक्त देती रही खुदको सजा डूबती रही गहरे समुंदर में सीरत को ना पहचान स...