मन जगत सुख तज दिया भाव मात-पिता के संग लड़ता मैदान लाते हमको इस जग में समायोजित भाव सकारी hindikavita मर्दानी वरदान प्रेम न उनको भेजेंगे हम वृद्धाश्रम निद्रा उड़ती है रातों की सुखमय निज संतति के सुख हित तकरार बहार

Hindi संतति Poems