" विरांगना "
" विरांगना "
वर्दी से हो शृंगार जिसका
स्वदेश जिसका हो आफताब,
विरांगना है वह इस देश की
आंखों में जिसके जुनून ए ख़ून सवार।
मझधारों की रहे जिंदगी
ख्वाहिश हो जिसकी अपार,
मर्दानी है वह इस भूमि की
फतह करेगी वो हर मैदान।
हृदय में ले प्रेम भाव
मन में सुप्रीत की बहार,
संतति है वह इस मातृभूमि की
वक्त आए तो दे बलिहार।
✍️ Atharv Mahajan.