STORYMIRROR

Lokesh Devpura

Inspirational

4  

Lokesh Devpura

Inspirational

फौज़ी

फौज़ी

2 mins
360

किसी को कश्मीर, किसी को बंगाल तो

किसी को राजस्थान नज़र आता है

जब भी मैं देखता हूँ एक फौज़ी को

मुझे पूरा हिंदुस्तान नज़र आता है


एक कतार में खड़े शौर्य से लबरेज़

मेरे जवान

त्याग और अनुशासन की एक अद्भुत

पहचान

क़दमों से थर्राती धरा, दहाड़ से गूँजता

आसमान

तीनों सशस्त्र सेनाओं का साहस,

शौर्य और सम्मान

उन वीर सपूतों की आँखों में भारत-माँ

का दिव्य स्वाभिमान नज़र आता है

जब भी मैं देखता हूँ एक फौज़ी को

मुझे पूरा हिंदुस्तान नज़र आता है


जो वतन पर उठती हर नापाक आँख

फोड़ देता है

जो कहर बरपाये तो दुश्मन की कमर

तोड़ देता है

जो संहार करे तो महाकाल को पीछे

छोड़ देता है

जो फौलाद-सी छाती से तोपों के दहाने

मोड़ देता है

उस महावीर के पराक्रम पर मातृभूमि का

हर ज़र्रा कुर्बान नज़र आता है

जब भी मैं देखता हूँ एक फौज़ी को

मुझे पूरा हिंदुस्तान नज़र आता है


जो बर्फीले पहाड़ों पर हौसलों की आग

जला कर बैठा है

जो बाढ़, भूकंप, अकाल में ठहरी ज़िंदगी

चला कर बैठा है

जो रेतीले धोरों पर पाँव के छालों को सहला

कर बैठा है

जो मातृभूमि की सेवा में अपने सारे रिश्ते

बहला कर बैठा है

अंदर-बाहर के खतरों से देश को उबारता,

वर्दी में भगवान नज़र आता है

जब भी मैं देखता हूँ एक फौज़ी को

मुझे पूरा हिंदुस्तान नज़र आता है



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational