जिद
जिद
इम्तिहानों से गुजरकर
परिणामों से हारकर
हौसला मगर टूटे ना
उम्मीदों से मुकरकर
मंजिलों को बेहिसाब चाहकर
हर आघात बदले में सहकर
कुछ तो मंजर मिल ही जाते हैं
फिर बिछड़ते मगर उम्मीद देकर
इन सिलसिलों से होकर
मंजूर कर हर ठोकर
यह जिद जवाब दे ही जाएगी
सफलता के आगोश मे सोकर।
