कुछ ख्वाब अधूरे (भाग 3)
कुछ ख्वाब अधूरे (भाग 3)
दिल की विरानियाँ भर जाए, हकीकत के भँवर तर जाए
तसव्वुर में जी उठे मर जाए, कुछ ख्वाब अधूरे
दिल को आयना दिखा जाए, अधूरा जीना सीखा जाए
जिंदगी को ख़त लिखा जाए, कुछ ख्वाब अधूरे
यक़ीन देकर धोखा कर जाए, साथ देकर फिर मुकर जाए
बेतहाशा टूटकर बिखर जाए, कुछ ख्वाब अधूरे
सुना सुनाया कुछ कह जाए, तसव्वुर के बहाव में फिर बह जाए
लहरों पे लहराते रह जाए, कुछ ख्वाब अधूरे
आँखों की आड़ से बया हो जाए, बया हो तो जाया हो जाए
जो रूह की अंधरूनी काया हो जाए, कुछ ख्वाब अधूरे।
