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Shravani Balasaheb Sul

Tragedy Others

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Shravani Balasaheb Sul

Tragedy Others

मासूमियत की मिलावट

मासूमियत की मिलावट

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एक चेहरे पे सौ चेहरे पहन के

फितरत को फरेबी बुरखे में ढक के 

आदमी जता रहा बेदाग हूँ मैं

और मैले हैं सब कोने जहन के


सारे झूठ को सच बना के

मतलब की बहकी बातें सूना के

नकल सी अच्छाई के पीछे असल

कुछ अशिष्ट रखता दफना के


अमृत के प्याले में जहर भर के

बेतहाशा शराफत से मुकर के

जी रहा घिनौनी नियत में अपनी 

मासूमियत की मिलावट करके


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