रात गई बात गई बीते रात कमल दल फूले तुम चाहे जहाँ रहो पर हम नही भूले, रात गई बात गई बीते रात कमल दल फूले तुम चाहे जहाँ रहो पर हम नही भूले,
इस कविता को पढ़कर समझिए मेरी वाणी । इस कविता को पढ़कर समझिए मेरी वाणी ।
उस एक पल के प्रश्चित में ताऊम्र गंवा देते हैं। उस एक पल के प्रश्चित में ताऊम्र गंवा देते हैं।
कौन है वो चित्रकार जो चित्रकारी इनमें करता है। कौन है वो चित्रकार जो चित्रकारी इनमें करता है।
अपने लिए तो सभी जीते हैं दूसरों के लिए भी जीकर देखो। अपने लिए तो सभी जीते हैं दूसरों के लिए भी जीकर देखो।
जो धारा के विपरीत उसी ने अपना मार्ग बनाया जीने की सन्तुष्टि को पाया। जो धारा के विपरीत उसी ने अपना मार्ग बनाया जीने की सन्तुष्टि को पाया।