कौन है वो
कौन है वो
हरी इन वादियों में आसमा किसने रोका है,
डाल की पत्तियों में औंस किसने बिखेरा है,
औंस की बूँद का सागर किसने बनाया है,
कौन है वो जगतकार, जिसका सब पर साया है।
फूल को देख के मन क्यों खो जाता है,
कहाँ है वो रंगकार, जो इनमें रंग भरता है,
रंग भरे फूलो में भँवरा कहाँ से आता है,
कौन है वो डाकवाला, जो फूल का पता उसे देता है।
पत्तियों के आकार को कैसे वो बनाता है,
पत्तियों के बाद ही फूल को खिलाता है,
फूल की खुशबू को कहाँ से वो लाता है,
कौन है वो खुशबूवाला, जो फूल में खुशबू छिड़कता है।
तितलियों की पंखुडियों में गहराई कौन लाता है,
नाजुक इतनी पंखुडियों को कैसे वो बनाता है,
रंगों की आकृति को कैसे वो संभालता है,
कौन है वो चित्रकार जो चित्रकारी इनमें करता है।
इतने सारे मौसमों का यंत्र किसके पास है,
नदियो के बहाव को कौन दिशा देता है,
ऊँचे इन पर्वतों को कैसे वो बनाता है,
कौन है वो कलाकार जो सृष्टि को चलाता है।