स्वरा हिम्मत किया करो
स्वरा हिम्मत किया करो
कुछ इस तरह खुदा की इबादत किया करो
हर इक शख़्स की यहां इज्ज़त किया करो ।।
आने न दो कभी भी ग़म ज़िन्दगी में तुम
बीते हुए पलों को रुख़सत किया करो।।
इंसाफ हो न जिस जगह चुप तुम रहो नहीं
जुल्मों सितम की बढ़ के ख़िलाफ़त किया करो ।।
चुप्पी सी साध लेना ज़हानत नहीं कोई
दिल में अगर हो दर्द शिकायत किया करो ।।
दो चार बूँद से ही भरेंगे कभी घड़े
दो चार बूँद ही सही किफ़ायत किया करो ।।
जंग ज़िन्दगी का जीतना चाहो अगर स्वरा
डरना यहां मना है हिम्मत किया करो ।।