अच्छाइयों से डर गए..
अच्छाइयों से डर गए..
हम भी अपने वक़्त की अच्छाइयों से डर गए
लोग कहते हैं कि हम रुसवाइयों से डर गए ।।
आपकी है ये इनायत क्या कहूँ मैं आपको
आप मेरी देख कर तन्हाइयों से डर गए ।।
आप मेरे साथ में निकले सफर को किस लिए
सामने गहरी खुदी जब खाइयों से डर गए ।।
किस तरह माहौल बदला है घरों का दोस्तों
शाम होते ही घरों के भाइयों से डर गए ।।
दोपहर की धूप में जब भी निकलना पड़ गया
सामने सहरा मिला, परछाइयों से डर गए।।