पास जरा बैठो
पास जरा बैठो
बहुत जी करता है तुमसे बातें करूँ,
कुछ अपनी बातें और तुम्हारी सुनूँ !
होंठों के हिलने को निहारा करके मैं,
तेरी पलकों का जमके दीदार करूँ !!
तुम्हारे पास रहने से, सुखद एहसास होता है !
तुम्हारी खुशबुओं से, मेरा यह मन मचलता है !!
तुम्हारे पास रहने से ,सुखद एहसास होता है !
तुम्हारी खुशबुओं से, मेरा यह मन मचलता है !!
दिन रात यूँ बैठकर तुमको देखा करूँ,
इस तरह मैं निज प्यार को पूरा करूँ !
होंठों के हिलने को निहारा करके मैं,
तेरी पलकों का जमके दीदार करूँ !!
बहुत जी करता है तुमसे बातें करूँ,
कुछ अपनी बातें और तुम्हारी सुनूँ !
होंठों के हिलने को निहारा करके मैं,
तेरी पलकों का जमके दीदार करूँ !!
तेरे पदचाप से संगीत, की धुन निकलती है !
पायलों की रूनझुन से, थिरकती चाल बनती है !!
तेरे पदचाप से संगीत, की धुन निकलती है !
पायलों की रूनझुन से, थिरकती चाल बनती है !!
इसी को सुनने का मैं सदा इजहार करूँ,
तुम से ही हर जनम जनम प्यार करूँ !
होंठों के हिलने को निहारा करके मैं,
तेरी पलकों का जमके दीदार करूँ !!
बहुत जी करता है तुमसे बातें करूँ,
कुछ अपनी बातें और तुम्हारी सुनूँ !
होंठों के हिलने को निहारा करके मैं,
तेरी पलकों का जमके दीदार करूँ !!
दूर अकेले रहकर भी, हमने देख लिया !
विरह व्यथा हम दोनों, को चकनाचूर किया !!
दूर अकेले रहकर भी, हमने देख लिया !
विरह व्यथा हम दोनों, को चकनाचूर किया !!
मिलन की घड़ी में तेरा इंतजार करूँ,
आओ इसी तरह से तुझे प्यार करूँ !
होंठों के हिलने को निहारा करके मैं,
तेरी पलकों का जमके दीदार करूँ !!
बहुत जी करता है तुमसे बातें करूँ,
कुछ अपनी बातें और तुम्हारी सुनूँ !
होंठों के हिलने को निहारा करके मैं,
तेरी पलकों का जमके दीदार करूँ !!

