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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Romance

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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Romance

पास जरा बैठो

पास जरा बैठो

2 mins
382

बहुत जी करता है तुमसे बातें करूँ, 

कुछ अपनी बातें और तुम्हारी सुनूँ !

होंठों के हिलने को निहारा करके मैं, 

तेरी पलकों का जमके दीदार करूँ !!


तुम्हारे पास रहने से, सुखद एहसास होता है !

तुम्हारी खुशबुओं से, मेरा यह मन मचलता है !!

तुम्हारे पास रहने से ,सुखद एहसास होता है !

तुम्हारी खुशबुओं से, मेरा यह मन मचलता है !!


दिन रात यूँ बैठकर तुमको देखा करूँ,

इस तरह मैं निज प्यार को पूरा करूँ !

होंठों के हिलने को निहारा करके मैं, 

तेरी पलकों का जमके दीदार करूँ !!


बहुत जी करता है तुमसे बातें करूँ, 

कुछ अपनी बातें और तुम्हारी सुनूँ !

होंठों के हिलने को निहारा करके मैं, 

तेरी पलकों का जमके दीदार करूँ !!


तेरे पदचाप से संगीत, की धुन निकलती है !

पायलों की रूनझुन से, थिरकती चाल बनती है !!

तेरे पदचाप से संगीत, की धुन निकलती है !

पायलों की रूनझुन से, थिरकती चाल बनती है !!


इसी को सुनने का मैं सदा इजहार करूँ,

तुम से ही हर जनम जनम प्यार करूँ !

होंठों के हिलने को निहारा करके मैं, 

तेरी पलकों का जमके दीदार करूँ !!


बहुत जी करता है तुमसे बातें करूँ, 

कुछ अपनी बातें और तुम्हारी सुनूँ !

होंठों के हिलने को निहारा करके मैं,

 तेरी पलकों का जमके दीदार करूँ !!


दूर अकेले रहकर भी, हमने देख लिया !

विरह व्यथा हम दोनों, को चकनाचूर किया !!

दूर अकेले रहकर भी, हमने देख लिया !

विरह व्यथा हम दोनों, को चकनाचूर किया !!


मिलन की घड़ी में तेरा इंतजार करूँ,

आओ इसी तरह से तुझे प्यार करूँ !

होंठों के हिलने को निहारा करके मैं, 

तेरी पलकों का जमके दीदार करूँ !!


बहुत जी करता है तुमसे बातें करूँ, 

कुछ अपनी बातें और तुम्हारी सुनूँ !

होंठों के हिलने को निहारा करके मैं, 

तेरी पलकों का जमके दीदार करूँ !!



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