कोई मेरे दिल से पूछे
कोई मेरे दिल से पूछे
कोई मेरे दिल से पूछे, मैं क्यों गुमसुम सा रहता हूँ
सभी तो साथ है मेरे पर, मैं क्यों खोया सा रहता हूँ
है कितनी बात दबी दिल मे, जिन्हे हूँ चाहता कहना
नज़ारे यूं तो है काफी, मुझे बस एक तो ताकना
है जैसे की वो परछाई, जिसे छु मैं नहीं सकता
है मेरे पास वो लेकिन, साथ वो रह नहीं सकता
बहूत हूँ चाहता उसको, उसे ये कह नहीं सकता
लबो पर नाम है लेकिन, जुबा से ले नहीं सकता
उसी के ख़यालो मे मैं हूँ अब जागता सोता
हँसी मेरी उसी से है, उसी के नाम पर रोता
सुकून हैं वही मेरा, बेचैनी उसी से है
दवा है वही मेरा, मरज़ भी उसी से है
वही मंजिल है बस मेरी, मुसाफिर मैं उसी का हूँ
नसीबा है वही मेरा, मुकद्दर मैं उसी का हूँ
चलूँ कैसे मैं रास्ते मे बस कंकड़ है कांटें हैं
मेरे हिस्से में मोहब्बत ने बस ठोकर ही बांटें हैं
है इतनी सी बस चाहत वो मुड़ के देख ले मुझको
सुना दूँ हल-ए दी अपना इजाजत दे कभी मुझको
मिले फुर्सत कभी उसको कहे मुझको के आके मिल
कही ना बात जो दिल की, धड़कना छोड़ न दे ये दिल
ये मालूम है उसको मैं उसके बीन तड़पता हूँ
उसिके एक झलक को मैं गलियों मे भटकता हूँ
सभी कुछ जानती है वो तभी खिड़की पर आती है
कभी चादर जभी चुन्नी कभी केशों को सूखती है
यूं मिल जाना उन नज़रों का और बस ताकते रहना
बढ़ जाना यूं साँसों का ज़ुबा का काँपते रहना
न वो बोले ना मैं बोलू मगर सब कुछ बयां होना
नहीं हो एक लफ्ज फिर भी एहसासों का समझ जाना
भले हो भीड़ मे लेकिन मुझे बस वो ही दिखती है
हँसी हो चाहे जीतने भी नजर उसी पर टिकती है
समझ कर हाल वो मेरा करम दे जरा मुझपर
इनायत हो निगाहों की मुझे वो देख ले मुड़कर
हैं ये मुकिन के उसके बिन जीना छोड़ दूंगा मैं
अगर मिल जाए वो मुझको तो पीना छोड़ दूंगा मैं
ये वादा है मेरा उससे न जाऊंगा मैं मयखाने
कसम खाता हूँ मैं अभी के ये बोतल तोड़ दूँगा मैं।