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AMAN SINHA

Romance Tragedy Fantasy

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AMAN SINHA

Romance Tragedy Fantasy

तेरा इश्क़ साथ है तो ज़िंदा हूँ मैं

तेरा इश्क़ साथ है तो ज़िंदा हूँ मैं

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तेरा इश्क़ साथ है तो ज़िंदा हूँ मैं

जो तेरा इश्क़ ना होता तो जीने की वजह क्या होती?

मेरे जीते-जी तुझे छोड़कर जीना पड़े मुझे 

इस मासुम दिल को इससे बडी सज़ा क्या होगी 


 तु सामने हो मेरे पर छू ना पाऊं तुझे 

 इन ज़िंदा हाथों कि इससे बरी बेबसि क्या होगी?

 तुझे देख कर भि नज़रें ग़ुमशुदा कर जाए 

 इन नज़रों कि भला इससे बडी गुस्ताखी क्या होगी?


तू ख्वाबों में आये भी बीन मिले चली जाए 

टुटते हुए इन ख्वाबों की भला इससे ज्यादा सुनवाई क्या होगी?

तेरे कदमों की आहट को हवा उडा कर संग ले गयी 

इन हवाओं की इससे ज्यादा जुर्रत क्या होगी 


 तेरे नाम को किसी और का बता दिया इसने 

 इस जुबान के मगज की लापरवाही क्या होगी 

 तेरे तस्वीर को इसने किसी और का मान लिया 

 इन आंखों कि इससे ज्यादा बद्तमिज़ी क्या होगी 


जरा सा इश्क़ है, भरोसा है, दरकार है 

जो ये सब ना होते तो तेरी जरुरत क्या होती 

 तेरा इश्क़ साथ है तो ज़िंदा हूँ मैं

जो तेरा इश्क़ ना होता तो जीने की वजह क्या होती।


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