बनावटी ना उसकी बातें थी ना दिखावे की अदा ही सीखी थी। और कुछ कहना चाहा कभी तो बनावटी ना उसकी बातें थी ना दिखावे की अदा ही सीखी थी। और कुछ कहना चाहा कभी ...
ये जो कुछ नहीं है न.. वो बहुत कुछ कह जाता है ! ये जो कुछ नहीं है न.. वो बहुत कुछ कह जाता है !
आ बैठ जा सब छोड़ के तीरे नदी पर तुम की सबकों यहीं पर आना है दुनियाँ में दोस्तों। आ बैठ जा सब छोड़ के तीरे नदी पर तुम की सबकों यहीं पर आना है दुनियाँ में दोस्तो...
शर्म से झुक जाती है इस बौने आदमी के कद के सामने। शर्म से झुक जाती है इस बौने आदमी के कद के सामने।
कोई शिकवा नहीं तुझसे आज शिकायत खुद से है। कोई शिकवा नहीं तुझसे आज शिकायत खुद से है।
लब मुस्कुराये कुछ इस अदा से जो जहाँ था वहीं ठहर गया.... लब मुस्कुराये कुछ इस अदा से जो जहाँ था वहीं ठहर गया....