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Sadaf Shaikh

Drama

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Sadaf Shaikh

Drama

कोई शिकवा नहीं तुजसे

कोई शिकवा नहीं तुजसे

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कोई शिकवा नहीं तुजसे 

आज शिकायत खुद से है 

मुड़ के जो देखूं कल अपना 

आज सवाल खुद से है 


नज़र मिलाऊँ कैसे खुद से

इस काबिल ना रही 

वक़्त को बरबाद किया

तेरे काबिल बनने के पीछे 


सोचा नहीं कभी

क्या काबिल हो तुम मेरे

ढलती गयी वैसे, जैसे चाहा तुमने  


कोई शिकवा नहीं तुझसे 

आज शिकायत खुद से है।


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