कुछ नहीं
कुछ नहीं
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ये जो कुछ नहीं हैं न,
तुम्हारे मेरे दरमियाँ
बहुत कुछ कह जाता है !
ये तुम्हारा मेरी गली से,
गुजरते वक़्त तिरछी नज़र से देखना...
ये मेरा, तुम्हारे मोबाइल के
हर स्टेटस को देखना,
ये तुम्हारा नींद खुलने पर
मेरे लास्ट सीन को देखना,
ये मेरा,
तुम्हारे प्रोफाइल फोटो को देखकर
धीरे से मुस्कुरा देना...
ये तुम्हारा,
मेरा सामना होने पर निग़ाहें चुरा लेना,
और फिर मेरी सेव की हुई
फोटो को देखना,
ये मेरा,
तुम्हें भूलने का नाटक करना..
ये तुम्हारा,
मेरी हर तरह से खेरो-खबर रखना...
ये जो कुछ नहीं है न..
वो बहुत कुछ कह जाता है !