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Neetu Lahoty

Romance

4  

Neetu Lahoty

Romance

"प्यार "

"प्यार "

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प्यार कोई ढ़ाई आख़र का खेल नहीं 

और न ही कोई मन बहलाव का ज़रिया.. 

ये तो इक सरगम की तरह है.. 

जिसमे हर दिन हर राग अलग है.. 

ये इंद्रधनुष की तरह है.. 

जिसमे बिखरे हैं हज़ार रंग.. 

ये अहसास है ज़ज्बातों का.. 

ये इक ज़रिया है इबादत का. 

ये इक जज्बा है किसी के लिये 

 फ़ना हो जाने का...।


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