खुद का सफ़र
खुद का सफ़र


खुद से खुद तक का
सफ़र भी ज़रूरी है
खुद के विस्तार के लिये
कई बार आईना
देखना भी ज़रूरी है
अपनी पहचान के लिये
अक्सर शोरगुल में रहते हैं हम
कुछ पल का मौन भी ज़रूरी है
आदमी के लिये
नेटवर्क की ज़िंदगी में
उलझे से हैं हम
दो पल का सुकून भी ज़रूरी है
खुदी के लिये
खुद से खुद तक का सफ़र।