अधूरी ख्वाहिशें
अधूरी ख्वाहिशें
हमें प्यार तुमसे पर चाहत अभी अधूरी है ,
जो चाहा वो सभी ख्वाहिशें अभी अधूरी है,
मेरे जीवन में तुम आ जाओ बसंत बनकर ,
हमने जाने कितनी ही रातें अकेले गुजारी है,
शब्द गढ़ता रहता अपने अनवरत दिल से ,
हर शब्दों की तलाश अभी नहीं हुई पूरी है ,
तुम जिंदगी हो मंजिल हो हर सफ़र हो मेरा,
दिल से सुनाई थी हमने वो दास्ताँ हमारी है ,
तुमसे मेरा वास्ता तो सदियों से पुराना रहा ,
इस जिंदगी की वो सभी खुशियाँ तुम्हारी है ,
हर सुख –दुःख में तुमने मेरा साथ निभाया ,
तुमने हमेशा मेरी उलझती जिन्दगी संवारी है,
पलकों की छाँव में बिठा तुमने दीवाना बनाया ,
तुम आज क्यों हो दूर हमसे ये कैसी दुश्वारी हैI