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सोनी गुप्ता

Romance

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सोनी गुप्ता

Romance

अधूरी ख्वाहिशें

अधूरी ख्वाहिशें

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हमें प्यार तुमसे पर चाहत अभी अधूरी है ,

जो चाहा वो सभी ख्वाहिशें अभी अधूरी है,


मेरे जीवन में तुम आ जाओ बसंत बनकर ,

हमने जाने कितनी ही रातें अकेले गुजारी है,


शब्द गढ़ता रहता अपने अनवरत दिल से ,

हर शब्दों की तलाश अभी नहीं हुई पूरी है ,

 

तुम जिंदगी हो मंजिल हो हर सफ़र हो मेरा,  

दिल से सुनाई थी हमने वो दास्ताँ हमारी है ,


तुमसे मेरा वास्ता तो सदियों से पुराना रहा ,

इस जिंदगी की वो सभी खुशियाँ तुम्हारी है ,


हर सुख –दुःख में तुमने मेरा साथ निभाया ,

तुमने हमेशा मेरी उलझती जिन्दगी संवारी है,


पलकों की छाँव में बिठा तुमने दीवाना बनाया ,

तुम आज क्यों हो दूर हमसे ये कैसी दुश्वारी हैI


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