तासीर मेरे अल्फाजों की
तासीर मेरे अल्फाजों की
बड़ी दिलकश है, तासीर मेरे अल्फाजों की,
नज़रों से होकर, अक्सर दिल मे उतर आती है l
करती नहीं गिला, कभी उदास तन्हाइयों से,
हँसती है स्याही सी, और पन्नों पर वो इतराती है l
बड़ी खूबसूरत है, तासीर मेरे अल्फाजों की,
आँखों से होकर, अक्सर होंठो पर वो मुस्काती है l
गुज़र जाती है बेफ़िक्र, इम्तेहां की गलियों से,
करके सजदा क़लम का, और शब्दों से बतियाती है l
बड़ी दिलनशीं है, तासीर मेरे अल्फाजों की,
नैनों से होकर अक्सर, धड़कनों में वो बस जाती है l
रख लेती है मान, फ़कत सभी तोहमतों का,
भूलकर कुफ्र सभी, नफ़रतों को गले वो लगाती है l
बड़ी ज़हनशीं है, तासीर मेरे अल्फाजों की,
घुल जाती है कानो मे,और मिश्री सा गीत सुनाती है l
लाख तूफ़ाँ हो,रखती है फिर भी ऐतबार सदा,
चलती है शान से,और शायर सी पहचान दिलाती है l
बड़ी जानशीं है, तासीर मेरे अल्फाजों की,
देकर ढेरों खुशियाँ मुझे,लाखो अश्क वो छिपाती है l
मांग लेती है खैरियत,अक़्सर दुआओं में मेरी,
करती है फिक्र बेहिसाब,और महबूब मुझे बताती है l
बड़ी हमनशीं है, तासीर मेरे अल्फाजों की,
तुम सबसे खास हो, अहसास ये मुझे वो कराती है l
खो जाता हूँ अक्सर, गुमनाम अंधेरी राहों में,
बनकर हसीं चराग़, राह मुझे अक्सर वो दिखाती है l
बड़ी महजबीं है, तासीर मेरे अल्फाजों की,
लगकर सीने से मेरे, अक्सर वो बेहद शरमाती है l
बह जाती है अक्सर निश्चल धारा सी दिलों पर,
करके जुस्तजू मेरी,मन का हर कोना वो महकाती है l