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PANKAJKUMAR THOMBARE

Romance

3  

PANKAJKUMAR THOMBARE

Romance

बरसात

बरसात

1 min
428


रिमझिम प्यारी बरसात में भीग गए थे हम दोनों

 एक घने जंगल में जाकर खो गए थे हम दोनों


याद आए उस पल की तो मन विभोर हो जाए 

एक दूजे की बांहों में बाहें डाल बैठे थे हम दोनों 


भीगे होंठ मेरे तुमने होंठों से खूब चूमे थे मितवा 

इस जहां को छोड़ जन्नत घूम आए थे हम दोनों


खुशियों से हम झूम उठे थे गा रहे थे कव्वाली

बरसात में मोर संग खूब नाच रहे थे हम दोनों 


तोड़कर दीवार दुनिया की हम मिले थे सावन में

तोड़ के पिंजरा एक दूजे में समा गए थे हम दोनों


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