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सोनी गुप्ता

Abstract Romance Inspirational

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सोनी गुप्ता

Abstract Romance Inspirational

मुझे मिटा कर क्या पाओगे,

मुझे मिटा कर क्या पाओगे,

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दुख का अंधेरा इस कदर छाया सब कुछ बिखर गया, 

छोड़ गए अपने जाने वो प्यार वाला मौसम किधर गया, 


सब कुछ तो लूट लिया अब मुझे मिटा कर क्या पाओगे, 

तोड़ा दिल हमारा अब तुम भी रेत की तरह बिखर जाओगे, 


अंधेरे में भी ढूंढते हो अक्स मेरा अब वो कहाँ मिलेगा, 

अब तो मेरा यह मन तुम बिन यूँ ही अकेला ही चलेगा, 


मझधार में छोड़ा है तुमने हमें इसकी सजा जरूर पाओगे,

मिलेगी तुम्हें वो सजा अगली बार किसी को यूँ ना सताओगे! 


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