किसी की नज़रों में खरा उतरना भले ही खुद के नज़रों में खरा उतरे या नहीं किसी की नज़रों में खरा उतरना भले ही खुद के नज़रों में खरा उतरे या नहीं
धीमी ठंडी रातों में तुम सिमट से जाओगे धीमी ठंडी रातों में तुम सिमट से जाओगे
कुछ ख्वाब लिखे थे बादलों पर, ये सोचता रहा फिर मैं रुक कर... कुछ ख्वाब लिखे थे बादलों पर, ये सोचता रहा फिर मैं रुक कर...
वक्त के साथ मुट्ठी भर रेत की तरह बिखरते जातें हैं , पर फिर उसे मुट्ठी में बांधने की कोशिश करते हैं औ... वक्त के साथ मुट्ठी भर रेत की तरह बिखरते जातें हैं , पर फिर उसे मुट्ठी में बांधने...
एक आँसू बोल पड़ा तेरे दर्द से काग़ज़ की स्याही बिखर गई जिस्म के रोंगटे खड़े हुए और वो सिह एक आँसू बोल पड़ा तेरे दर्द से काग़ज़ की स्याही बिखर गई जिस्म के रोंगटे खड़े हु...
जज़्ब ज़ज़्बात है जज़्ब ज़ज़्बात है