दुनिया का अफसाना
दुनिया का अफसाना
दुनिया का ये अफसाना
ना कभी तुम अपनाना
गैरों का किस्सा है ये
तुम को गुमराह कर देगा,
फूलों से भी नाज़ुक तुम
फिर बिखर से जाओगे
धीमी ठंडी रातों में
तुम सिमट से जाओगे,
ऊन की चादर से तुम
रूह अपनी बचा लेना
बहकी बहती हवाओं से
थोड़ी सांसें चुरा लेना,
फूलों से भी नाज़ुक तुम
कल को फिर खिल जाओगे।