कहीं ये यादें तुम्हें भी भिगो न दें। कहीं ये यादें तुम्हें भी भिगो न दें।
वक्त के साथ मुट्ठी भर रेत की तरह बिखरते जातें हैं , पर फिर उसे मुट्ठी में बांधने की कोशिश करते हैं औ... वक्त के साथ मुट्ठी भर रेत की तरह बिखरते जातें हैं , पर फिर उसे मुट्ठी में बांधने...