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Arya Vijay Saxena

Romance

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Arya Vijay Saxena

Romance

अहसास मेरे मन के

अहसास मेरे मन के

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कि कर दे ज़रा, बारिश रहमतों की..

कुछ तो इस दिल को, थोड़ा अब करार मिले...!!

ढूँढते  है  जिसे  हम  दरबदर से..

होकर वो भी मुझसे इक दिन बेकरार मिले...!!


कि छोड़ दूँ मैं दामन तन्हाइयों का..

ग़र महफ़िलों के, ज़रा भी अख़्तियार मिले...!!

सजा ले हम भी मुस्कराहट लबों पर..

ग़र अंजुमन, तेरी मुस्कानों से गुलजार मिले..!!


कि चूम लूँ मैं भी अब आसमानों को..

दुआएं सबों की, ग़र मुझे भी बेशुमार मिले...!!

करते रहें फ़िक्र हम उदास लम्हों की..

और वो अरमानों को मिटाने मे शुमार मिले..!!


कि कर लूँ तौबा, हर भलाई से अब..

चाहे दामन में, ढेरों बेदर्द से इन्कार मिले...!!

परवाह नहीं इस गुस्ताख़ ज़माने की..

मुक्कमल चाहे फ़िर,तोहमतों की बयार मिले..!!


कि उलझा रहूं, मैं सिर्फ़ तेरी यादों मे..

ना बेग़ैरत कभी, जहां में कोई दरकार मिले..!!

कि कर दे ज़रा बारिश रहमतों की..

कुछ तो इस दिल को, थोड़ा अब करार मिले..!!


कि कर लूँ इबादत, तुझे रब मानकर..

ग़र दुआओं में असर, मेरी अब भरमार मिले..!!

ख़्वाहिश है ये, अब इतनी सी मेरी..

किरदार ये शायर सा,हर जन्म बारंबार मिले..!!


दीजिए दुआएँ ये, अब मुझे हँसकर..

कर्तव्य पथ पर, ना गुमानों से सरोकार मिले..!!

कि कर दे बारिश ज़रा रहमतों की..

कुछ तो इस दिल को,थोड़ा अब क़रार मिले..!!



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