ख्वाहिशों का आसमान
ख्वाहिशों का आसमान
ए ख्वाहिशों के सावन सुन,
यूँ न मचल बरसने को
ए साजिशों के बादल
तू थम जा जरा सा
खामोश घटा यूँ न सुलग
ए पागल हवा
संभल जा जरा सा
ए ख्वाबों की तितलियों
हकीकत के फूलों से मिलो न जरा सा
माना कि थोड़े से काँटे चुभेंगे
पर उजालों के साथ
अँधेरों का भी है अपना ही मजा
पकड़ सतरंगी सपने अपने हाथ
रिमझिम नैनों के साथ
खो के सारे होश
हो के मदहोश
जिन्दगी के हर इशारे पे
झूमो ना जरा सा - - - - -