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सुरभि शर्मा

Abstract Inspirational

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सुरभि शर्मा

Abstract Inspirational

परिवर्तन

परिवर्तन

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समय का रूपांतरण हो रहा है।


"नमस्ते, फिर आईयेगा

हाय, बाइ"


"प्रार्थना, मंत्र

ओ लॉर्ड, ओ गॉड"


"हलवा, समोसे

केक, पिज्जा"


भय, सहनशीलता 

निडरता,उच्छशृंखलता 


"ज्ञान - विज्ञान 

कोडिंग, एबेकस" 


किताबें, खेलकूद 

टीवी, इन्टरनेट 


नैतिक शिक्षा, रिश्तों का ज्ञान 

व्यावसायिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान 


" जासूसी कॉमिक्स, चाचा चौधरी, पिंकी, बबलू.. 

पोर्न साइट, सावधान इंडिया, "


कि हमारी पीढ़ी आज भी अपने निर्णयों के लिए 

बड़ों का मुँह तकती है 


अब 12 वर्ष के बच्चों में बचपना नहीं रहा 

वो अपने निर्णयों के लिए आत्मनिर्भर हो चुके हैं।


कि अब सहेजने, समेटने, संवारने, निखारने की जगह 

सब कुछ यूज एंड थ्रो होता जा रहा।


" परिवर्तन संसार का शाश्वत नियम है" 


तो कुम्हारों जागिये और अपनी थाप की चाल बदलिए 

कि बहुत हल्के हाथ से गीली मिट्टी थपथपाने से 

मूर्ति अनगढ़ रह जाती है 

और एक बार गढ़ चूकी मूर्ति को 

ज्यादा जोर से बजाने पर 

वो अक्सर चटक जाया करती हैं।


संतुलन जीवन में बहुत जरूरी होता है।



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