नयन
नयन
नमन उस नयन को
जिसने मुझे देखा था
परखा जिस नयन ने
उसको मेरा नमन है,
श्रृष्टि जिनसे चलती है
नमन उस दृष्टि को
सम भाव से जो देखे
है नमन उस नयन को
भरें है जिसमें जल
उस सजल को नमन है,
समझें जो इशारे
उस चक्षु को नमन है ,
डूबने की है तमन्ना
उस निगाहों को नमन है ,
लज्जा जिसमें समाया है
उस लोचन को नमन है ।