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Sarita Kumar

Romance

3  

Sarita Kumar

Romance

नयन

नयन

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393



नमन उस नयन को 

जिसने मुझे देखा था 

परखा जिस नयन ने

उसको मेरा नमन है, 

श्रृष्टि जिनसे चलती है 

नमन उस दृष्टि को 

सम भाव से जो देखे 

है नमन उस नयन को 

भरें है जिसमें जल

उस सजल को नमन है, 

समझें जो इशारे 

उस चक्षु को नमन है ,

डूबने की है तमन्ना 

उस निगाहों को नमन है ,

लज्जा जिसमें समाया है 

उस लोचन को नमन है ।


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