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Sonali ganguly

Romance

3  

Sonali ganguly

Romance

जब हम बिखरने लगे

जब हम बिखरने लगे

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जब जब बिखरने लगे

उन लम्हों ने संभाल लिया

अँधेरा ज़िद पर अड़ा था

तो हमने यादों को ही जला दिया

फिर भी चुभती रही कांटों सी

हमने अपने सपनों की भी बलि दिया


जुड़े थे जो कभी कुछ उम्मीद के तार

रौशनी बन कर जिसने हमेशा साथ दिया

उन्हीं राहों पर उनसे भी तोड़ा नाता मैंने

और जख्मों को दिल में छुपा लिया

ख़ामोशी में खो गए एहसास मेरे

तब से आज तक हमने गम का ज़हर पीया


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