एक शादी ऐसी भी
एक शादी ऐसी भी
ना लोगों की भीड़, ना अपनों का साथ था
ना शहनाई की गूंज, ना बारात का शोर था
ना चहरे पर मुस्कान, ना बना कोई पकवान था
वो शादी थी तेरी, या दोस्तों के अरमान का ज़नाज़ा था
सगुन की थाली में मास्क, और सोशल- डिस्टेंसिंग का दौर था
कोरोना के केहर से मैं, कुछ इस तरह परेशान था
दोस्ती के खातिर तो, शरीख मैं भी हुआ था
सैनिटाइज़र से ना जाने, कितनी बार नहाया था
ना शैम्पेन की बोतल, ना डिस्को का धमाका था
पैसे खूब बचाये तूने, अरमानो का गला, दोस्तों ने घोंटा था
कई खूबसूरत आँखों से टकराया मैं, फ़्लर्ट करने का भी इरादा था
बात कुछ बढ़ाने का सोचा पर, मास्क में छुपे चेहरे का क्या भरोसा था !
ना हंसी की इज़ाजत, ना बात-चीत का मौका था
तू क्या जाने पगले, दिल मेरा भी कितना रोया था
इस दौर में शादी करने का, तुझ पर कैसा जुनून सवार था
कोरोना के डर से जब, पूरा देश हुआ बर्बाद था
आबाद रहे ज़िन्दगी तेरी, मेरा ये दिल से दुआ था
ये अजब शादी की गजब कहानी, मुझे सबको सुनाना था
हाले दिल कुछ पंक्तियों में, बयान मुझे करना था
सतरंगी सपनो के जाल से, सबको बहार निकलना था
मस्ती में चूर, और नशे में धुत, शादी का ये पहलु मुझे भी कब गवारा था
शादी मिलन है दो दिलों का, उसे भला कोरोना कहाँ रोक पाया था
ना लोगों की भीड़, ना अपनों का साथ था
ना सहनाई की गूंज, ना बारात का शोर था
ना चहरे पर मुस्कान, ना बना कोई पकवान था
वो शादी थी तेरी, या दोस्तों के अरमान का ज़नाज़ा था
सगुन की थाली में मास्क, और सोशल- डिस्टेंसिंग का दौर था
कोरोना के केहर से मैं, कुछ इस तरह परेशान था
दोस्ती के खातिर तो, शरीक मैं भी हुआ था
सैनिटाइज़र से ना जाने, कितनी बार नहाया था
ना शैम्पेन की बोतल, ना डिस्को का धमाका था
पैसे खूब बचाये तूने, अरमानो का गला, दोस्तों ने घोंटा था
कई खूबसूरत आँखों से टकराया मैं, फ़्लर्ट करने का भी इरादा था
बात कुछ बढ़ाने का सोचा पर, मास्क में छुपे चेहरे का क्या भरोसा था !
ना हंसी की इज़ाजत, ना बात-चीत का मौका था
तू क्या जाने पगले, दिल मेरा भी कितना रोया था
इस दौर में शादी करने का, तुझ पर कैसा जुनून सवार था
कोरोना के डर से जब, पूरा देश हुआ बर्बाद था
आबाद रहे ज़िन्दगी तेरी, मेरा ये दिल से दुआ था
ये अजब शादी की गजब कहानी, मुझे सबको सुनाना था
हाले दिल कुछ पंक्तियों में, बयान मुझे करना था
सतरंगी सपनो के जाल से, सबको बहार निकलना था
मस्ती में चूर, और नशे में धुत, शादी का ये पहलु मुझे भी कब गवारा था
शादी मिलन है दो दिलों का, उसे भला कोरोना कहाँ रोक पाया था!
