मेरी धड़कन..
मेरी धड़कन..
सासों का कोई वजूद ना रहा
जबसे धड़कनो से तुम जुड़ गये हो
अब खुदा का नाम ना रहा इबादत मे
हर मंजर बस तुम हो गये हो...
मेरी शामे रहती हैं खुमार सी
नींदे भटकने उड़ गयी हैं
भूल गया हू मंजिले मेरी
राहे तेरे दर पे मुड़ गयी है..
नही तमन्ना अब जन्नत की
बस तुम मेरी शिद्दत बन गये हो
सासों का कोई वजूद ना रहा
जब से धड़कनो मे तुम जुड़ गये हो...