प्यार का उधार 2
प्यार का उधार 2
इशारों की अनसूलझी पहेलिया
उधार है तुम पे
गुफ्तगु मे किया जिक्र
उधार है तुम पे
हम ने तो भरी महफिल में कर दिया इझहार
तुमने मुह फेर के अनदेखा कर दिया मेरा प्यार
वो लफ्ज अधुरे इजहार के
उधार है तुम पे
वो मौसम तन्हा इकरार के
उधार है तुम पे।
