STORYMIRROR

Sunayana Borude

Romance

4  

Sunayana Borude

Romance

राज दिल का..

राज दिल का..

1 min
246

नुरानी सी किसी शाम मे

तुम्हे ये राज बताना है

तुम समझते हो जिसे पागलपन

वो मेरे दिल का फसाना है....

मेरी धड़कनो मे जो गूंजता रहे

तेरे हुस्न का तराना है

होठों से जो लौट गया

वो राज आंखों से जताना है

नुरानी सी किसी शाम मे

तुम्हें ये राज बताना है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance