Sunayana Borude
Fantasy
तेरे इश्क़ मे मेरा जीना
दुश्वार हो गया
खुदा से हो गयी नफरत
और तुझसे प्यार हो गया।
इशारे प्यार क...
तेरा इश्क़
राज दिल का..
प्यार का उधार...
दिल दिवाना...
प्यार का उधार
नुरानी प्यार
दिल बेचारा
बैगाना दिल
आशिकी की आयत
ये क्रम लगातार चलता, शरीर का, कोई भी अंश, इससे अछूता नहीं रहता। ये क्रम लगातार चलता, शरीर का, कोई भी अंश, इससे अछूता नहीं रहता।
बादल गुस्से में आता, गड़गड़ गड़गड़ गड़गड़ कर गरजता, बादल गुस्से में आता, गड़गड़ गड़गड़ गड़गड़ कर गरजता,
आती अक्ल उन लोगों को, जो करते रहते है धरती माँ का अपमान। आती अक्ल उन लोगों को, जो करते रहते है धरती माँ का अपमान।
अपने लिए खुश होकर जीना यही जीवन। अपने लिए खुश होकर जीना यही जीवन।
बादलों ने भी दस्तक दी थी पर उन बूंदों से ना याराना हुआ बादलों ने भी दस्तक दी थी पर उन बूंदों से ना याराना हुआ
आशाओं के दीप जलाये पिया मिलन की रात आये आशाओं के दीप जलाये पिया मिलन की रात आये
गांव छोड़कर वो परछाईं भी कहीं शहर चली गई। गांव छोड़कर वो परछाईं भी कहीं शहर चली गई।
दिमाग हमारा परीक्षा प्रेमी हो गया था। परीक्षा आकर चली गई दिल मैं एक याद बनकर। दिमाग हमारा परीक्षा प्रेमी हो गया था। परीक्षा आकर चली गई दिल मैं एक याद बनकर।
पर आ जाना थोड़ा जल्दी खाकर रहम इस जोगन पे। पर आ जाना थोड़ा जल्दी खाकर रहम इस जोगन पे।
उसी के पीछे खुद को बर्बाद किया है मैंने कदर जब खुद ही नहीं की खुद की.. उसी के पीछे खुद को बर्बाद किया है मैंने कदर जब खुद ही नहीं की खुद की..
मन हो जाता है नवयौवन, प्रकृति का श्रृंगार करता सावन॥ मन हो जाता है नवयौवन, प्रकृति का श्रृंगार करता सावन॥
भर के आलिंगन में रंग दे प्रेम के हर रंग से।। भर के आलिंगन में रंग दे प्रेम के हर रंग से।।
वरना इस नासमझ दिल को पहले ही समझा देते हम। वरना इस नासमझ दिल को पहले ही समझा देते हम।
आओ अपने घर और अपने देश को बर्बाद होने से बचाये भारत को नशा मुक्त देश बनाये। आओ अपने घर और अपने देश को बर्बाद होने से बचाये भारत को नशा मुक्त देश बनाये।
हर आकर बिखरेगा तेरी राहों में मगर एक बार भी मुझको ना तुझसे कहने देगा। हर आकर बिखरेगा तेरी राहों में मगर एक बार भी मुझको ना तुझसे कहने देगा।
डूबते-उगते सूरज का टुकड़ा कि... मेरा माथा सूना आसमान हुआ है। डूबते-उगते सूरज का टुकड़ा कि... मेरा माथा सूना आसमान हुआ है।
भूत भविष्य में नहीं वर्तमान पर तू नजर रख! भूत भविष्य में नहीं वर्तमान पर तू नजर रख!
लेकिन चिन्ता अभिमान से, हम तो कोसों दूर है।। नहीं हमको शर्म यह कहने में।। लेकिन चिन्ता अभिमान से, हम तो कोसों दूर है।। नहीं हमको शर्म यह कहने में।।
अब हुई थोडी समझदार व स्यानी, बनी 'माँ, गुंँजी घर-आँगन किलकारी।सब रिश्तों मे, अब हुई थोडी समझदार व स्यानी, बनी 'माँ, गुंँजी घर-आँगन किलकारी।सब रिश्तों मे,
ये आईना बडे ही गज़ब की चीज़ हैं.. अच्छे अच्छों का चरित्र एक पल में दिखा जाता हैं ! ये आईना बडे ही गज़ब की चीज़ हैं.. अच्छे अच्छों का चरित्र एक पल में दिखा जाता ...