दोस्त मुश्किल से मिलते हैं
दोस्त मुश्किल से मिलते हैं


अक्खड़, फक्कड़, आवारा हर चाल के रखिए,
दोस्त मुश्किल से मिलते हैं संभाल के रखिए।
अब दुश्मन भी कहाँ निभाते हैं ढंग की अदावत,
कुछ साँप भी आस्तीनों में पाल के रखिए ।
हर चौक, हर चौराहे पर बसते हैं महाज्ञानी,
अंगुलियाँ अपने कानों में डाल के रखिए ।
बड़ी चालू चीज है चाँद जाने कब धोखा दे दे,
चिराग अपने बाजुओं के बाल के रखिए।
अच्छा होता है अक्सर म्यान दिखाके धमकाना,
हर बात पे तलवार मत निकाल के रखिए।
सावधानी हटी दुर्घटना घटी शह-मात की चौपड़ है,
भविष्य के लिए भूत औरों का खंगाल के रखिए।
कितने ताल, तालाब, तिलैये तौलोगे ‘अशोक’ तराजू पे,
कुछ समझ ना आए तो पानी उबाल के रखिए।