राकेश सी अवस्थी की ताज़ा उर्दू ग़ज़ल जिसमे हल्क़े फुल्के अल्फ़ाज़ का इस्तेमाल किया गया है राकेश सी अवस्थी की ताज़ा उर्दू ग़ज़ल जिसमे हल्क़े फुल्के अल्फ़ाज़ का इस्तेमाल किया गया...
...एक अरसा मेरे सीने में ख़ंजर रखना. दूर रहो मर्ज़ ए इश्क़ से, समझाते हैं दुनिया के ठेकेदार, मेरी गु... ...एक अरसा मेरे सीने में ख़ंजर रखना. दूर रहो मर्ज़ ए इश्क़ से, समझाते हैं दुनिया...
एक ग़ज़ल...। एक ग़ज़ल...।
रुकी हुई है बात कल की कल से...। रुकी हुई है बात कल की कल से...।
इन स्याह सी रातों में ये हर्फ़ दिखते कहाँ हैं, बेईमान दुनिया में ईमानदार बिकते कहाँ है इन स्याह सी रातों में ये हर्फ़ दिखते कहाँ हैं, बेईमान दुनिया में ईमानदार बिकत...