मेरी आकांक्षा के बारे में एक कविता...। मेरी आकांक्षा के बारे में एक कविता...।
प्रियतम को मिलने जाता हैकिन्तु इस बीच, अपनी प्रियतमा का क्षण भर ख़याल न आता हैसमझदार होना चाहिऐ , क्य... प्रियतम को मिलने जाता हैकिन्तु इस बीच, अपनी प्रियतमा का क्षण भर ख़याल न आता हैसमझ...
हो ना पाया ये कि हर मंज़र ज़रा यहाँ-वहाँ सा है ! हो ना पाया ये कि हर मंज़र ज़रा यहाँ-वहाँ सा है !
उन्होने दुआ मे भी हमारी सलामती माँगी...! उन्होने दुआ मे भी हमारी सलामती माँगी...!
हर पल यही सोचता है दिल...! हर पल यही सोचता है दिल...!
कश्मकश में हारता हूं हर पल, क्या करूं ? समझ में ही नही आता ! कश्मकश में हारता हूं हर पल, क्या करूं ? समझ में ही नही आता !