मुस्कुराहटों के साथ संग था. आपके सवाल से मैं इतना दंग था... मुस्कुराहटों के साथ संग था. आपके सवाल से मैं इतना दंग था...
एक कविता...! एक कविता...!
कश्मकश में हारता हूं हर पल, क्या करूं ? समझ में ही नही आता ! कश्मकश में हारता हूं हर पल, क्या करूं ? समझ में ही नही आता !
शायद तनहा हो कर साथ की तलाश पूरी हो जाए, भीगूँ सारी रात ऐसी बरसात मिल जाए! शायद तनहा हो कर साथ की तलाश पूरी हो जाए, भीगूँ सारी रात ऐसी बरसात मिल जाए!
हे ईश्वर, तू है ? हे ईश्वर, तू है ?
जवाब तैयार रखे हैं, हमने सब सवालों के । जवाब तैयार रखे हैं, हमने सब सवालों के ।